महाराष्ट्र में पवार परिवार के दो दिग्गज सदस्य, चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार, ने इस बार 'पड़वा' अलग-अलग मनाया। यह पहली बार है जब दोनों ने एक-दूसरे से दूरी बनाते हुए इस त्योहार को अपने-अपने तरीके से मनाया। जानें इस परिवार में चल रहे विवाद का असली कारण और इसके राजनीतिक प्रभाव के बारे में।
पवार परिवार का बंटवारा: शरद और अजित की अलग-अलग मनाने की वजहें
महाराष्ट्र में पवार परिवार की राजनीतिक विरासत हमेशा चर्चा में रही है, लेकिन इस बार 'पड़वा' के मौके पर शरद पवार और अजित पवार के बीच दूरी ने सभी का ध्यान खींचा है। पारिवारिक विवाद के कारण दोनों ने इस त्योहार को अलग-अलग तरीके से मनाया। शरद पवार ने पारंपरिक तरीके से अपने निवास पर कार्यक्रम आयोजित किया, जबकि अजित पवार ने अपने समर्थकों के साथ अलग समारोह का आयोजन किया। यह पहली बार हुआ है जब दोनों ने एक-दूसरे से दूरी बनाकर इस खास दिन को मनाया, जो इस परिवार में बढ़ते तनाव को दर्शाता है।
राजनीतिक प्रभाव: पवार परिवार का विवाद
पवार परिवार के बीच चल रहे इस विवाद का राजनीतिक प्रभाव भी महत्वपूर्ण है। शरद पवार, जो लंबे समय से महाराष्ट्र की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा रहे हैं, ने अपने समर्थकों के साथ स्थिरता बनाए रखने का प्रयास किया है। वहीं, अजित पवार ने अपने अलग समारोह के जरिए अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश की है। यह विवाद न केवल परिवार के भीतर तनाव को बढ़ाता है, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में भी एक नई दिशा प्रदान करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस विभाजन का असर आगामी चुनावों में भी देखने को मिल सकता है, जिससे पवार परिवार की एकता पर सवाल उठते हैं।